विश्व पर्यटन मानचित्र में शामिल हो गया रामगढ क्रेटर

विनोद मोलपरिया

बारां जिले के उपखंड किशनगंज में स्थित ग्राम रामगढ विश्व पर्यटन मानचित्र में शामिल हो गया है जिससे क्षेत्र में जियो हेरिटेज पर्यटन के विकास की नई संभावनाएं तैयार हो रही है। वैज्ञानिकों एवं शौधकर्ताओं के अनुसार करीब 650 करोड़ वर्ष पूर्व ग्राम रामगढ में एक उल्कापिंड प्रचंड वेग के साथ आकर गिरा जिससे इस स्थान पर एक इम्पेक्ट क्रेटर का निर्माण हुआ। इस क्रेटर को कनाडा स्थित डाटाबेस सोसायटी ने मान्यता प्रदान की है जिससे यह विश्व का 200वां एवं देश का तीसरा क्रेटर होने का दर्जा प्राप्त कर चुका है।

विश्व भू विरासत का संरक्षण-

जिला कलक्टर श्री नरेन्द्र गुप्ता के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने बजट घोषणा 2021-22 के तहत बारां जिले के रामगढ ग्राम में स्थित इस विश्व भू विरासत को जियो हेरिटेज पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की है। राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत जुरासिक कालीन उल्कापिंड निर्मित रामगढ क्रेटर स्थल पर 57.22 करोड़ की लागत से विकास एवं सौन्दर्यकरण के कार्य करवाये जाएंगे।

ये कार्य हैं प्रस्तावित-

राज्य सरकार की बजट घोषणा के तहत उल्कापिंड के इम्पेक्ट से बने रामगढ क्रेटर झील के विकास, सौन्दर्यकरण के कार्य प्रस्तावित किए गए है। इस स्थल पर रामगढ क्रेटर झील तक सम्पर्क सड़क, सिंहद्वार, प्लाजा, सूचना केन्द्र, स्वागत कक्ष, विजुअल हाउस, वॉक एवं साईकल ट्रेक, झील पर घाट का निर्माण, उद्यान, लाईटिंग, पेयजल सुविधाओं के कार्य करवाएं जाने है जिससे यहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटक बिना किसी असुविधा के जियो हेरिटेज साईट का भ्रमण कर सकेंगे।

देश का सबसे बड़ा उल्कापिंड इम्पेक्ट निर्मित क्रेटर-

धरोहर संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत जितेन्द्र शर्मा के अनुसार देश में रामगढ़ क्रेटर सहित कुल 3 उल्कापिंड इम्पेक्ट से निर्मित क्रेटर है। इससे पूर्व महाराष्ट्र के लोनार एवं मध्यप्रदेश के शिवपुरी में उल्कापिंड इम्पेक्ट क्रेटर स्थलों को मान्यता मिल चुकी है लेकिन राजस्थान के बारां जिले का रामगढ़ क्रेटर विशेष स्थान रखता है क्योंकि यह देश में स्थित अन्य दो क्रेटर्स की तुलना में काफी बड़ा है इसका आकार अंगूठीनुमा है और व्यास लगभग साढ़े 3 किलोमीटर है साथ ही यह सबसे अधिक आयु का क्रेटर भी है। रामगढ़ क्रेटर को लेकर विश्व के कई रिसर्च जनरल में लेख प्रकाशित हुए है जिससे यहां रिसर्च स्कॉलर एवं वैज्ञानिक अध्ययन के लिए आ रहे हैं। इसी क्रम में देशी-विदेशी पर्यटक भी इस जियो हेरिटेज साईट के प्रति उत्सुक होकर यहां पहुंचने लगे हैं। जियो हेरिटेज पर्यटन स्थल के रूप में विकास, संरक्षण व संवर्द्धन के कार्य होने पर इस स्थल पर
सुगमता से पहुंचा जा सकेगा।

खजुराहो शैली का शिव मंदिर भी आकर्षण का केन्द्र-

जिला पर्यटक स्वागत केन्द्र के सहायक निदेशक सिराज कुरेशी के अनुसार रामगढ़ ग्राम में क्रेटर स्थल पर 10वीं सदी में मालवा के नागवंशी राजा मलय वर्मा द्वारा बनवाया गया ऐतिहासिक खजुराहो शैली का शिव मंदिर (भंडदेवरा) आमजन की आस्था एवं धार्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण स्थल है। रामगढ़ क्रेटर में स्थित इस शिव मंदिर को मिनी खजुराहों भी कहा जाता है। यह स्थल भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्थल है। इस प्रकार बारां जिले के रामगढ़ ग्राम में उल्कापिंड निर्मित क्रेटर, 10वीं शताब्दी का शिव मंदिर, रामगढ़ का किला एवं पहाड़ी पर स्थित रामगढ़ माताजी का मंदिर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा के तहत उल्कापिंड के इम्पेक्ट से निर्मित रामगढ़ क्रेटर को जियो हेरिटेज पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना से क्षेत्र के लोगों को सैलानियों की आवक से रोजगार मिलेगा साथ ही जिले को रामगढ़ क्रेटर के माध्यम से विशेष पहचान भी मिली है।

India Edge News Desk

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